लाइडर (LiDAR)– लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग
लाइडर (LiDAR)– लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग
यह क्या है? यह किस प्रकार कार्य करता है? अनुप्रयोग तथा क्षमता।
संदर्भ: पुरातत्वविद् वैश्विक महामारी के दौरान अपने शोध को जारी रखने हेतु LiDAR डेटा का उपयोग कर रहे हैं। इस तकनीक के प्रयोग से, पुरातत्वविद् लेज़र प्रकाश का उपयोग करके उच्च-रिज़ॉल्यूशन मानचित्रों को बनाते हैं।
लाइडर (LiDAR) क्या है?
LiDAR एक लाइट डिटेक्शन ऐंड रेंजिंग तकनीक है। इस सुदूर संवेदन तकनीक में दूरी के मापन के लिए लक्ष्य पर लेसर प्रकाश डाला जाता है तथा परावर्तित प्रकाश का विश्लेषण किया जाता है।
इस तकनीक के जरिए दुर्गम पहाड़ी इलाकों की सड़क निर्माण में सर्वेक्षण का काम किया जाता है। इसमें स्पंदित प्रकाश को – हवाई माध्यम से एकत्र किये गए अन्य डेटा के साथ मिलाकर पृथ्वी की सटीक त्रिविमीय सूचना तथा इसकी सतह की विशेषताओं के बारे पता किया जाता है।
सर्वेक्षण के पश्चात डिजिटल चित्रों के जरिए दुर्गम इलाकों की सड़क संरचना का एकदम सही अंदाजा लगाया जा सकता है। इससे जमीन की बनावट, सतह की ऊंचाई, पेड़-पौधों के फैलाव और क्षेत्रफल का सही अनुमान लगाकर मदद ली जा सकती है।
यह किस प्रकार कार्य करता है?
LiDAR उपकरण में मुख्य रूप से एक लेजर, एक स्कैनर और एक विशेष जीपीएस रिसीवर होता है।
सामान्यतः हवाई जहाज तथा हेलीकॉप्टर का प्रयोग विस्तृत क्षेत्रों का LiDAR डेटा प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
LiDAR तकनीक का एक साधारण सिद्धांत है – पृथ्वी की सतह पर स्थित किसी वस्तु पर लेजर प्रकाश डालना तथा परावर्तित प्रकाश के LiDAR स्रोत पर लौटने के समय की गणना करना।
प्रकाश की गति (लगभग 186,000 मील प्रति सेकंड) की तीव्रता के कारण LiDAR तकनीक के माध्यम से सटीक दूरी को मापने की प्रक्रिया काफी तीव्र होती है।

चुनौतियां
- LiDAR तकनीक कोहरे, बारिश, बर्फ और धूल भरे मौसम में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाती है।
- इसमें शीशे की दीवार अथवा दरवाजे का पता लगाने में परेशानी होती है, इसी कारण से स्मार्टफोन निर्माता और स्व-चालित कार निर्माता द्वतीयक कैमरों और सेंसर के साथ-साथ LiDAR तकनीक का प्रयोग करते हैं।
Source -PIB
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