संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में अस्थायी सदस्यता और भारत

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में अस्थायी सदस्यता के लिए तैयार भारत 

 संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद- संरचना, उद्देश्य तथा कार्य
 
 UNSC की भूमिका एवं महत्व, सुधारों की आवश्यकता, भारत को स्थायी सदस्यता क्यों दी जानी चाहिए?
संदर्भ: भारत आठवीं बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का गैर-स्थायी सदस्य बनने के लिए तैयार है।
पृष्ठभूमि
संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 17 जून को दस गैर-स्थायी सदस्यों में से पांच का चुनाव किया जाएगा।
भारत एशिया-प्रशांत समूह से एकमात्र उम्मीदवार है तथा परिषद में एक दशक के बाद एक जनवरी 2021 से  सम्मिलित होगा।
गैर-स्थायी सदस्यों का निर्वाचन किस प्रकार होता हैं?
प्रत्येक वर्ष, संयुक्त राष्ट्र महासभा कुल 10अस्थायी सदस्यों में से पाँच गैर-स्थायी सदस्यों का दो वर्ष के कार्यकाल के लिए चुनाव करती है।
सीटों का वितरण: ये 10 सीटें विभिन्न क्षेत्रों में निम्न प्रकार से वितरित की जाती हैं:
अफ्रीकी और एशियाई देशों के लिए पांच;
पूर्वी यूरोपीय देशों के लिए एक;
लैटिन अमेरिकी और कैरेबियाई देशों के लिए दो;
पश्चिमी यूरोपीय तथा अन्य देशों के लिए दो।
अफ्रीका और एशिया के लिए निर्धारित पांच सीटों में से तीन सीटें अफ्रीका के लिए तथा दो सीटें एशिया के लिए प्रदान की जाती हैं; इन दोनों समूहों में परस्पर एक अनौपचारिक सहमति से एक सीट अरब देशों के लिए आरक्षित है। अफ्रीका तथा एशिया प्रशांत समूह, प्रति दो वर्ष में बारी-बारी से एक अरब उम्मीदवार प्रस्तुत करते हैं।
निर्वाचन:
सम संख्या वाले वर्ष से आरम्भ होने वाले अस्थायी सदस्यता के कार्यकाल के लिए चुनावों में दो अफ्रीकी सदस्य तथा पूर्वी यूरोप, एशिया-प्रशांत, लैटिन अमेरिका तथा कैरिबियन क्षेत्र से एक-एक सदस्य चुने जाते हैं।
विषम संख्या वाले वर्षों में शुरू होने वाले अस्थायी सदस्यता के कार्यकाल के लिए चुनावों में दो पश्चिमी यूरोपीय तथा एशिया-प्रशांत, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका और कैरिबियन से एक-एक सदस्य को चुना जाता है।
आवश्यक मत 
भले ही कोई देश ‘सबसे उपयुक्त’ उम्मीदवार हो तथा उसे अपने समूह द्वारा समर्थन प्राप्त हो, उसे महासभा सत्र में उपस्थित व मतदान करने वाले दो-तिहाई सदस्यों का मत पाना अनिवार्य है (महासभा के कुल 193 सदस्यों में से न्यूनतम 129 सदस्यों का मत)।
अस्थायी सीटों के चुनाव कई दौरों तक चल सकते हैं। वर्ष 1975 में, भारत और पाकिस्तान के मध्य आठ राउंड तक मुकाबला चला था। उस वर्ष पाकिस्तान ने सदस्यता हासिल की थी। वर्ष 1996 में, भारत जापान से चुनाव में पराजित हुआ था।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के बारे में
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) संयुक्त राष्ट्र का सबसे महत्वपूर्ण अंग है तथा अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के कायम रखने के लिए उत्तरदायी है। इसका गठन द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान 1945 में हुआ था।
इसकी शक्तियों में शांति अभियानों का योगदान, अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों को लागू करना तथा सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के माध्यम से सैन्य कार्रवाई करना शामिल है। यह सदस्य देशों पर बाध्यकारी प्रस्ताव जारी करने का अधिकार वाला संयुक्त राष्ट्र का एकमात्र निकाय है।
स्थायी सदस्य: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पंद्रह सदस्य होते हैं। रूसयूनाइटेड किंगडमफ्रांसचीन और संयुक्त राज्य अमेरिका– सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों के रूप में कार्य करते हैं। सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों के पास वीटो का अधिकार होता है।
इन स्थायी सदस्य देशों के अलावा 10 अन्य देशों को दो साल के लिये अस्थायी सदस्य के रूप में सुरक्षा परिषद में शामिल किया जाता है।
प्रस्तावित सुधार
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में पाँच प्रमुख मुद्दों पर सुधार किया जाना प्रस्तावित है:
  1. सदस्यता की श्रेणियां।
  2. पाँच स्थायी सदस्यों द्वारा प्राप्त वीटो पावर का प्रश्न
  3. क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व
  4. सुरक्षा परिषद के आकार का विस्तार प्रक्रियात्मक सुधार
  5. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद व संयुक्त राष्ट्र महासभा के बीच संबंध

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