कोरोनोवायरस और परबैंगनी किरणे (Corona virus and UV light)

कोरोनोवायरस को नष्ट करने हेतु खाद्य पदार्थों पर पराबैगनी किरणों का प्रयोग 

पराबैगनी किरणों का उपयोग- महत्व तथा संबंधित चिंताएँ।
सम्पूर्ण भारत में कई मिठाई विक्रेताओं ने खाद्य पदार्थों को कीटाणुरहित करने तथा वायरस नष्ट करने हेतु पराबैगनी प्रकाश तंत्र (UV light mechanism) का प्रयोग करना शुरू कर दिया है।


प्रयोग की विधि
पराबैगनी विकिरण (UV radiations), का प्रयोग सामान्यतः सूक्ष्मजीवों को मारने के लिए किया जाता है।
पराबैंगनी रोगाणुनाशक विकिरण (Ultraviolet germicidal irradiation -UVGI), जिसे UV-C भी कहा जाता है, एक कीटाणुशोधन (disinfection) विधि है।
UVGI में लघु-तरंग दैर्ध्य पराबैंगनी प्रकाश का प्रयोग सूक्ष्मजीवों को नष्ट करने अथवा निष्क्रिय करने के लिए किया जाता है, इसके दवारा सूक्ष्मजीवों के न्यूक्लिक एसिड को नष्ट कर दिया जाता है अथवा यह उनके DNA को भंग कर देता है जिस कारण सूक्ष्मजीव आवश्यक कोशिकीय क्रियाएं करने में तथा वृद्धि करने में अक्षम हो जाते हैं।
  • UVGI का प्रयोग भोजन, हवा तथा जल शोधन, जैसे विभिन्न अनुप्रयोगों में किया जाता है।
  • शोध अध्ययनों के अनुसार, UVC विकिरण विभिन्न सतहों पर कोरोनावायरस को नष्ट करने में भी प्रभावी है, परन्तु सतह की संरचना के अनुसार पर इसकी प्रभाविकता परिवर्तनीय होती है।
पराबैंगनी विकिरण (UV radiation) क्या है?
पराबैंगनी विकिरण, एक्स-रे तथा दृश्य प्रकाश के मध्य विद्युत्चुम्बकीय स्पेक्ट्रम का भाग होता है।
uv_radiation
पराबैंगनी विकिरण का सबसे सामान्य रूप ‘सौर-प्रकाश’ होता है। सौर-प्रकाश मुख्यतः तीन प्रकार का पराबैंगनी विकिरण उत्सर्जित करता है:
  1. UVA
  2. UVB
  3. UVC
प्रमुख विशेषताऐं
  • UVA किरणों की तरंग दैर्ध्य सर्वाधिक लंबी तथा UVC किरणों की तरंग दैर्ध्य सबसे छोटी होती हैं।
  • UVA और UVB किरणों का संचरण वायुमंडल के माध्यम होता है। जबकि, पृथ्वी की ओजोन परत द्वारा सभी UVC तथा कुछ UVB किरणें अवशोषित हो जाती हैं।
  • Source Indian Express 

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